शेखपुरा। बुधवार को सिविल कोर्ट शेखपुरा के एडीजे चतुर्थ राकेश कुमार रजक ने जानलेवा हमले की एक मामले की कार्रवाई पूरा करते हुए मां और उसके दो बेटों को दोषी पाते हुए जेल भेज दिया। इस मामले में सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए न्यायालय ने शनिवार 04 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। हालांकि यह मामला शादी विवाह के संबंधों से जुड़ा हुआ था। जो मारपीट की घटना में तब्दील होते हुए जान पर बन आई थी। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक जगदीश चौधरी ने बताया कि 21 मई 2018 को सदर प्रखंड हथियावा के कॉलेजकर्मी विपिन ठाकुर के पुत्र पिंकू कुमार अपने भाइयों और संबंधियों के साथ नगर क्षेत्र के गिरिहिंडा चौक पर बस पकड़ कर लखीसराय जा रहे थे ।इसी दौरान सदर प्रखंड के सिरारी ओपी अंतर्गत महसार गांव के गेनौरी ठाकुर की पत्नी गीता देवी और उनके दो पुत्र गौरव कुमार और सौरभ कुमार ने इन लोगों के साथ मिलकर मारपीट की। घटना को अंजाम दिया। लाठी डंडा और रड से मारपीट कर बेहोश कर दिए जाने के बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले की कार्रवाई पूरा करते हुए न्यायालय ने मां और उसके दो बेटों को भारतीय दंड विधान की धारा 307 और 504 के तहत दोषी पाया है। इस मामले में अभियोजन द्वारा 6 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में सभी गवाह होने घटना की पुष्टि करते हुए विस्तार से घटना के बारे में पुष्टि करते हुए न्यायालय को अवगत कराया।